Submission 5877
Title: बच्चों के स्वास्थ्य की सुरक्षा: टीकाकरण का महत्व
Theme: Routine Immunization
Category: RJ Link
State | City: Bihar | Patna
Description: बच्चों के शरीर में रोग प्रतिरक्षण हेतु टीके लगाए जाते हैं, जिससे बच्चों के शरीर की रोग से लड़ने की शक्ति बढ़ती है। टीकाकरण से बच्चों में कई सक्रिय बीमारियों की रोकथाम होती है तथा समुदाय के स्वास्थ्य स्तर में सुधार होता है। भारत में ऐसे छह गंभीर संक्रामक रोग हैं जो प्रतिदिन हजारों बच्चों की जान लेते हैं या उन्हें अंगीकारन बना देते हैं: 1. खसरा 2. टेटनस (धनुष बाय) 3. पोलियो 4. क्षय रोग 5. गलघोंटू 6. काली खांसी 7. हेपेटाइटिस "B"। इसके अतिरिक्त, गर्भवती महिलाओं को टेटनस के टीके लगाकर उन्हें और उनके नवजात शिशुओं को टेटनस से बचाया जाता है। टीके कैसे दिए जाते हैं? पोलियो के अतिरिक्त सभी रोग प्रतिरक्षण टीके इंजेक्शन द्वारा दिए जाते हैं। पोलियो के टीके की दवा बच्चे को मुंह में पिलाई जाती है। बच्चे को टीके कब-कब लगवाने चाहिए? भारत में बीमारियों की स्थिति देखते हुए भारत सरकार ने राष्ट्रीय टीकाकरण सूची तैयार की है, जिसके अनुसार समय-समय पर टीके लगवाने चाहिए। स्वास्थ्य संस्थान में जन्म लेने वाले सभी बच्चों को बी.सी.जी. का टीका और पोलियो की अतिरिक्त खुराक (जीरो डोज) जन्म के समय दी जाती है। याद रखें: 1. बच्चों में बी.सी.जी. का टीका, डी.पी.टी. के टीके की तीन खुराकें, पोलियो की तीन खुराकें और खसरे का टीका उनकी पहली वर्षगांठ से पहले अवश्य लगवाना चाहिए। 2. यदि कोई टीका छूट गया है, तो याद आते ही स्वास्थ्य कार्यकर्ता/चिकित्सक से संपर्क कर टीका लगवाएं। ये सभी टीके उप स्वास्थ्य केन्द्र/प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र/राजकीय चिकित्सालयों पर निःशुल्क उपलब्ध हैं। 3. टीके तभी पूरी तरह से असरदार होते हैं जब सभी टीकों का पूरा कोर्स सही समय पर दिया जावें। 4. मामूली खांसी, सर्दी, दस्त और बुखार की अवस्था में भी यह सभी टीके लगवाना सुरक्षित है।Translation: Hindi AudioCredits: Rj Chokha
Radio Station: 95 Big FM Patna